क्या वास्तव में wormhole होता है। साइंस जिसे अबतक एक काल्पनिक सुरंग मानता है। उसके अस्तित्व के बारें में कुरान में 1445 पहलें क्या लिखा है। आए पहले हम यह जानें कि वर्महोल क्या है?
Do wormholes exist?
वर्महोल एक काल्पनिक सुरंग है जो अंतरिक्ष और समय के दो अलग-अलग बिंदुओं को जोड़ता है. इसका नाम अंग्रेजी शब्द "वर्म" (कीड़ा) और "होल" (छेद) से लिया गया है, क्योंकि यह एक छोटी और टेढ़ी-मेढ़ी सुरंग की तरह है जो दो अलग-अलग बिंदुओं को जोड़ती है.
वर्महोल का अस्तित्व अभी तक साबित नहीं हुआ है, लेकिन कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि वे ब्रह्मांड में मौजूद हो सकते हैं. अगर वर्महोल मौजूद हैं, तो वे अंतरिक्ष और समय के दो अलग-अलग बिंदुओं के बीच यात्रा करने का एक तरीका प्रदान कर सकते हैं. इससे ब्रह्मांड के विभिन्न हिस्सों में यात्रा करना और विभिन्न समयों में यात्रा करना संभव हो सकता है.
वर्महोल के बारे में कई अटकलें हैं. कुछ लोगों का मानना है कि वर्महोल का उपयोग ब्रह्मांड के विभिन्न हिस्सों के बीच यात्रा करने के लिए किया जा सकता है, जबकि अन्य का मानना है कि इसका उपयोग समय यात्रा करने के लिए किया जा सकता है. कुछ लोगों का यह भी मानना है कि वर्महोल का उपयोग ब्रह्मांड के विभिन्न हिस्सों के बीच ऊर्जा और पदार्थ को स्थानांतरित करने के लिए किया जा सकता है.
आए अब कुरान की आयतों से वर्महोल साबित करते हैं।
आप सभी मेराज के बारे में तो सब जानते ही हैं की रसूलुल्लाह ﷺ कुछ चंद वक्त में अल्लाह ﷻ से मुलाकात कर के आए थे।
कुरान की वह आयते जो वर्महोल को साबित करती हैं।
1) यदि हम उनपर आकाश से कोई द्वार खोल दें और वे दिन-दहाड़े उसमें चढ़ने भी लगें, (कुरान 15:14), इस आयत में (يَعْرُجُونَ) जो आसमान पर चढ़ने की क्रिया के रूप में आया है। यानी वर्महोल किस काम में आता है।
2) वह कार्य की व्यवस्था करता है आकाश से धरती तक - फिर सारे मामले उसी की तरफ़ लौटते हैं - एक दिन में, जिसकी माप तुम्हारी गणना के अनुसार एक हज़ार वर्ष है। (कुरान 32:5), इस आयत में (يَعْرُجُ) क्रिया के रूप में आया है। यानी वर्महोल कार्य इस आयत में अल्लाह ﷻ के तरफ जाने की बात है। मतलब इस दुनियां के 1 हज़ार वर्ष का सफ़र सिर्फ़ एक दिन में होता है।
3) वह जानता है जो कुछ धरती में प्रविष्ट होता है और जो कुछ उससे निकलता है और जो कुछ आकाश से उतरता है और जो कुछ उसमें चढ़ता है। और वही अत्यन्त दयावान, क्षमाशील है। (कुरान 34:2) इस आयत (يَعْرُجُ) में भी वर्महोल कार्य आसमान ओर पृथ्वी पर आने जानें का बतलाया गया है।
4) वही है जिसने आकाशों और धरती को छह दिनों में पैदा किया; फिर सिंहासन पर विराजमान हुआ। वह जानता है जो कुछ धरती में प्रवेश करता है और जो कुछ उससे निकलता है और जो कुछ आकाश से उतरता है और जो कुछ उसमें चढ़ता है। और तुम जहाँ कहीं भी हो, वह तुम्हारे साथ है। और अल्लाह देखता है जो कुछ तुम करते हो। (कुरान 57:4) इस आयत (يَعْرُجُ) में भी वर्महोल कार्य आसमान ओर पृथ्वी पर आने जानें का बतलाया गया है।
5) वह अल्लाह की ओर से होगी, जो चढ़ाव के सोपानों का स्वामी है। फ़रिश्ते और रूह (जिबरील, Holy Spirit) उसकी ओर चढ़ते हैं। उस दिन में जिसकी अवधि पचास हज़ार वर्ष है। (कुरान 70:3-4) इस आयत (تَعْرُجُ) में भी वर्महोल कार्य बतलाया गया है जो 50 हज़ार वर्ष का सफ़र सिर्फ़ एक ही दिन में होता है।
साइंस आज भी इस काल्पनिक मानतीं है पर कुरान की यह सभी आयते वर्महोल को साबित करती हैं की वर्महोल क्या है। वह एक ऐसा दरवाजा (पोर्टल – portal) है कि जिस के द्वार 50 हज़ार सालो का रास्ता भी एक दिन में पार कर सकते हैं।
कितने इन्सान हैं जिन्होंने इसी wormhole से अब तक सफ़र किए हैं?
- 1) आदम अलैहिस्सलाम
- 2) इद्रीस अलैहिस्सलाम (इनकी अधिक जानकारी वेदों और पुराणों में है जिसे देवो और दानवों का युद्ध कहा गया है। हदीस में है की उनके लिए फरिश्ते लड़ते थे किस्से एलियन से)
- 3) नूह अलैहिस्सलाम
- 4) ज़ुलक़रनैन (कुरान 18:83–98)
- 5) दाऊद अलैहिस्सलाम का एक दरबारी (कुरान 27:40)
इन लोगो के पास wormhole का ज्ञान (चाबी) था जो कुरान और हदीस में है।
जब रसूलुल्लाह ﷺ मेराज पे गए थे। मूसा अलैहिस्सलाम उस वक्त wormhole से गए थे जब वह हज़रत खिजर से मुलाकात करने गए थे (कुरान 18:61), यहां wormhole को अजीब सुरंग कहा गया है।
अफ़सोस हम मुसलमान एक फतवे की वजह से जो ईरान के इमाम अल ग़ज़ाली ( 1058 - 1111 ) ने अपनी मशहूर किताब तहाफुत अल फ़लसफ़ा (تهافت الفلاسفة) के ज़रिये दिया। किताब की इस तफ़्सीर के मुताबिक़ नम्बर्स के साथ खेलना शैतान का काम है इसलिए Mathematical calculation से मुसलमानों को दूर रहना चाहिए।
इस फतवे से पहले 57 साइंटिस में 48 मुस्लिम थे। अगर आज भी मुसलमान कुरान को समझें तो सबसे अधिक खगोल विज्ञानी मुसलमान होगे।